Boycott China: त्योहारी सीजन में चीन को 40 हजार करोड़ का झटका देने की तैयारी; गणेश चतुर्थी पर दिखेंगे इको फ्रेंडली मेड इन इंडिया गणेशा
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने इस त्योहारी सीजन में चीन को 40 हजार करोड़ रुपये का झटका देने की योजना बनाई है. कैट द्वारा चलाए जा रहे चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान “भारतीय सामान-हमारा अभिमान” के तहत आगामी महीनों में आने वाले सभी त्योहार चीनी वस्तुओं के बजाय भारतीय सामान के इस्तेमाल के साथ ही मनाने का आह्वान किया गया है. इसी दिशा में इस बार गणेश चतुर्थी पर देश में ही बनी भगवान गणेश जी की मूर्तियों की बिक्री करने की योजना है.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि पिछले वर्ष तक चीन से आए गणेश जी बड़ी मात्रा में देशभर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर बिका करते थे. लेकिन इस वर्ष कैट ने देशभर में फैले व्यापारी संगठनों को सलाह दी है कि वे अपने शहर अथवा राज्य में कलाकृतियां बनाने वाले, कुम्हार आदि स्थानीय लोग जो निचली या स्लम बस्तियों में रहते हैं, उनके द्वारा गणेश जी की प्रतिमाएं मिट्टी, गोबर एवं खाद का उपयोग कर बनवाएं और अपने व्यापारिक संगठनों के जरिए व्यापारियों, उनके कर्मचारियों व अन्य लोगों तक बिक्री कर पहुंचाएं. इस प्रकार से कैट के झंडे के तहत देशभर के व्यापारी उन लोगों को रोजगार देने का काम कर रहे हैं, जिनके पास वर्तमान में या तो रोजगार की कमी है या कोरोना के कारण जिनका रोजगार छिन गया है.
इको फ्रेंडली गणेशा
कैट ने मिट्टी, गोबर व खाद से बने “पर्यावरण मित्र गणेश जी” की कुछ प्रतिमाएं भी जारी की हैं. भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया कि इन वस्तुओं से बनी गणेश प्रतिमा का उद्देश्य पर्यावरण व जल को प्रदूषित होने से बचाना और इस त्यौहार को सही अर्थों में पूर्ण भारतीयता के साथ मनाना है. उन्होंने बताया कि इस क्रम में 6 इंच, 9 इंच एवं 12 इंच की गणेश प्रतिमाएं बनाई जा रही हैं. अनेक प्रतिमाओं में तुलसी के बीज सहित विभिन्न सब्जियों के बीज भी डाले जा रहे हैं, जिससे प्रतिमा जल में विसर्जित करने के बाद ये बीज मिट्टी में दब कर पौधों का रूप ले सकें. गणेश जी की ये प्रतिमाएं गणेश चतुर्थी के पूजन के बाद घर में ही किसी बर्तन के कुंड में विसर्जित की जा सकती हैं, इससे पर्यावरण और जल को दूषित होने से बचाया जा सकेगा.
त्योहारों पर बिकते हैं 40 हजार करोड़ रु तक के चीनी सामान
भरतिया एवं खंडेलवाल ने बताया कि अब से लेकर दिवाली तक देश में त्योहारों का सीजन है. चीन से आयात हुआ लगभग 35 से 40 हजार करोड़ रुपये तक का सामान इस सीजन में बिकता है, जिनमें खास तौर पर भगवान की मूर्तियां, अगरबत्ती, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, बिजली के बल्बों की झालर, बल्ब, सजावटी सामान, पीतल एवं अन्य धातुओं के दीये, फर्निशिंग फैब्रिक, किचन इक्विपमेंट्स, पटाखे आदि शामिल हैं. इस वर्ष देश भर के व्यापारियों ने यह तय किया है कि वे इस त्योहारी सीजन में चीन का सामान नहीं बेचेंगे और अपने देश में ही बना हुआ सामान बेच कर चीन को राखी के बाद अब त्योहारी सीजन में 40 हजार करोड़ रुपये का झटका देंगे.
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